घटनाओं के एक चौंकाने वाले मोड़ में, बरेली जिला पुलिस ने एक नापाक ‘हनी ट्रैप’ ऑपरेशन का खुलासा किया है, जिसमें दो महिलाओं और एक फर्जी इंस्पेक्टर को गिरफ्तार किया गया है। यह जटिल कथानक, प्रलोभन, छल और धमकी का मिश्रण, इस बात पर प्रकाश डालता है कि अपराधी किस हद तक बिना सोचे-समझे पीड़ितों का शोषण कर सकते हैं।
सरल कथानक का खुलासा हुआ
यह घटना, जो किसी क्राइम थ्रिलर की स्क्रिप्ट की तरह लगती है, काफी सहजता से शुरू हुई। वीर सावरकर नगर के रहने वाले अतुल कुमार मिश्रा लिफ्ट के मामूली अनुरोध की आड़ में धोखे के इस जाल में फंस गए। मंच तब तैयार हुआ जब गुड़िया उर्फ नेहा ने नूरी नगर के गौटिया में अपनी दोस्त अलीशा के घर जाने के बहाने उससे संपर्क किया।
हनी ट्रेप गिरोह पकड़ा गया…
पहले लिफ्ट मांगी, फिर सहेली के घर उतरी.. चाय का ऑफर और आ धमके वर्दी वाले…
लड़कियां भी लिपटी.. फ़र्ज़ी पुलिस वाले बनाते रहे वीडियो… मामला ख़त्म करने को 25 K फोन pay कराये
UP :बरेली जिले की पुलिस ने दुष्कर्म के झूठे मामले में फंसाने की धमकी देकर… pic.twitter.com/f5UMwTA72L
— TRUE STORY (@TrueStoryUP) January 8, 2024
भ्रामक सेटअप
अलीशा के आवास पर पहुंचने पर, चाय के लिए एक हानिरहित प्रतीत होने वाला निमंत्रण एक सुनियोजित जाल में बदल गया। इसी मोड़ पर कथानक नाटकीय रूप से सघन हो गया। पुलिस की वर्दी पहने दो लोग घटनास्थल पर आ धमके और स्थिति को एक आकस्मिक यात्रा से भयावह स्थिति तक बढ़ा दिया।
नकली पुलिसकर्मियों की भूमिका और धमकियाँ
गिरोह का हिस्सा इन नकली पुलिसकर्मियों ने मिश्रा पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया। मंचित नाटक में शारीरिक उत्पीड़न और समझौतावादी और अपमानजनक परिदृश्य बनाने में महिलाओं की भागीदारी शामिल थी। उन्होंने अपनी चाल में ब्लैकमेल की परत जोड़ते हुए सुनियोजित दृश्य को फिल्माना शुरू कर दिया।
दबाव में जबरन वसूली
इस दुखद अनुभव के चरमोत्कर्ष में गिरोह ने मिश्रा को पेटीएम के माध्यम से अलीशा के खाते में 25,000 रुपये स्थानांतरित करने के लिए मजबूर किया। बंदूक की धमकी और सार्वजनिक बदनामी के डर से, मिश्रा ने बात मानी और उन्हें चुप करा दिया गया।
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पुलिस जांच और गिरफ्तारियां
बरेली नगर क्षेत्र-III की पुलिस अधिकारी अनीता चौहान और बारादरी पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर अमित पांडे के नेतृत्व में बरेली पुलिस की सावधानीपूर्वक जांच से गुड़िया, अलीशा और फर्जी इंस्पेक्टर बब्बू की गिरफ्तारी हुई। पुलिस ने पुलिस की वर्दी, कारतूस के साथ एक पिस्तौल, तीन मोबाइल फोन और अपराध में इस्तेमाल की गई कार सहित महत्वपूर्ण सबूत बरामद किए।
यह घटना आज के समाज में अपराधियों द्वारा अपनाए जाने वाले नवीन तरीकों की याद दिलाती है। बरेली पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने न केवल अपराधियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया है, बल्कि जनता को ऐसे कुटिल जालों से सतर्क रहने की चेतावनी भी दी है। जैसे ही यह मामला सामने आता है, यह कानून प्रवर्तन और उन लोगों के बीच चल रही लड़ाई का एक प्रमाण है जो आम नागरिकों की सुरक्षा को कमजोर करना चाहते हैं।