Haldwani News: न्याय और अराजकता के बीच शहर में कर्फ्यू की घोषणा की गई, इंटरनेट सेवाएँ बंद कर दी गईं, और ‘दंगाईयों को देखते ही गोली मारने’ के कठोर आदेश जारी किए गए

हलद्वानी शहर में हाल ही में घटित हुई घटनाओं ने न केवल उत्तराखंड के लोगों को बल्कि पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इस घटनाक्रम की शुरुआत ‘अवैध रूप से निर्मित’ मदरसे के ध्वस्तीकरण से हुई, जिसके कारण हलद्वानी शहर में भारी हिंसा भड़क उठी। इस घटना के परिणामस्वरूप, शहर में चार लोगों की मौत हो गई और 250 से अधिक लोग घायल हुए, जिसमें आम नागरिकों के साथ-साथ पुलिसकर्मी भी शामिल थे।

इस हिंसा के मद्देनजर, राज्य प्रशासन ने कड़े कदम उठाते हुए हलद्वानी शहर में कर्फ्यू लगा दिया। इसके अलावा, दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश भी जारी किए गए। हिंसा की स्थिति को और अधिक बढ़ने से रोकने के लिए इंटरनेट सेवा को पूरी तरह से बंद कर दिया गया। इन कदमों का उद्देश्य हिंसा की स्थिति को नियंत्रित करना और शांति बहाल करना था।

एएनआई के मुताबिक, उत्तराखंड के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर, एपी अंशुमान ने जानकारी दी कि हलद्वानी के हिंसा प्रभावित बनभूलपुरा इलाके में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई है और 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। यह आंकड़े हिंसा की गंभीरता को दर्शाते हैं।

मदरसे और मस्जिद में तोड़फोड़ को लेकर झड़पों में 60 घायल

मदरसे और मस्जिद में तोड़फोड़ के कारण उत्पन्न हुए झड़पों में कम से कम 60 लोग घायल हो गए। बनभूलपुरा इलाके में हिंसा भड़कने के बाद स्थानीय निवासियों ने वाहनों और एक पुलिस स्टेशन में आग लगा दी और पथराव किया। घायलों में अधिकांश पुलिसकर्मी थे, जिनमें कुछ नगर निगम कर्मचारी और हलद्वानी एसडीएम भी शामिल थे।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थिति की समीक्षा के लिए देहरादून में एक बैठक की। इस बैठक में हलद्वानी में कर्फ्यू लगाने और दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी करने का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री धामी ने शांत रहने का आग्रह किया और अधिकारियों को “अराजक तत्वों” से सख्ती से निपटने का निर्देश दिया।

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हलद्वानी तनाव के बढ़ने पर मौलाना महमूद मदनी ने गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र 

तनाव के बढ़ने पर हलद्वानी में सभी दुकानें बंद हो गईं और कर्फ्यू के कारण कक्षा 1-12 तक के स्कूल बंद कर दिए गए। हलद्वानी में हिंसा को लेकर मौलाना महमूद मदनी ने गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने अदालत में चल रहे मामले के बावजूद मस्जिद और मदरसे के विध्वंस पर प्रकाश डाला। मदनी ने बताया कि बलपुरपुरा क्षेत्र के भीतर मलिक के बगीचे में स्थित संरचनाओं को नगर निगम द्वारा ध्वस्त कर दिया गया था। उन्होंने इस मामले पर 14 फरवरी को उच्च न्यायालय में सुनवाई होने की जानकारी दी।

इस पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि सामाजिक तनाव और विवादों के समय संवेदनशीलता और सजगता की अत्यधिक आवश्यकता होती है। शांति और सद्भाव को बहाल करने के लिए सामूहिक प्रयास और संवाद की जरूरत होती है।

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